सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि॥२- ३८॥ Bhagavad Gita
सुख दुख को, लाभ हानि को, जय और हार को ऐक सा देखते हुऐ ही
युद्ध करो। ऍसा करते हुऐ तुम्हें पाप नहीं मिलेगा॥
Sunday, June 30, 2013
To Ani Ti तो आणि ती....- Poem by Mangesh Padgonkar
No comments:
Post a Comment