Sunday, June 23, 2013

दुसरे विश्व युद्ध की एक कविता है ...

दुसरे विश्व युद्ध की एक कविता है ...

पहले वो मेरे शहर में आये, 
लोगों को मरने लगे, 
मैंने कुछ नहीं किया ...

फिर वो मेरे मोहल्ले में आये,
मैंने कान बंद कर लिए...

फिर वो मेरी गली में आये,
मैंने आखे बंद कर ली...

जब वो मेरे घर में आये,
तो मुझे बचाने वाला कोई नहीं था !

                                                                                       Martin Niemöller (1892–1984)

No comments:

Post a Comment